बैटमैन हू लाफ़्स ने एक बार फिर दिखा दिया कि वो कितना डरावना और खतरनाक है, और इस बार उसने ये बात अपनी सबसे बड़ी जंग में साबित की। ‘डार्क नाइट्स: डेथ मेटल #6’ के पन्नों में वो पूरे ब्रह्मांड की सबसे ताकतवर विलेन, परपेटुआ, यानी मल्टीवर्स की माँ, से अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहा था। दोनों अंतरिक्ष में थे, और एक-दूसरे पर क्राइसिस एनर्जी से हमला कर रहे थे। इसी दौरान बैटमैन हू लाफ़्स ने परपेटुआ को अपनी खतरनाक सोच बताई — और फिर दिया वो आखिरी, निर्णायक वार।
इस कॉमिक को स्कॉट स्नाइडर ने लिखा है और ग्रेग कापुलो की शानदार आर्ट ने इसे और ज़िंदा बना दिया है। अब ये कॉमिक स्टोर्स में उपलब्ध है।
कैसे एक हीरो बना सबसे बड़ा विलेन
ये हंसने वाला बैटमैन असल में डार्क मल्टीवर्स से आया है — जो डीसी यूनिवर्स का अंधकारमय, बिगड़ा हुआ रूप है।
कहानी की शुरुआत तब हुई जब ब्रूस वेन (बैटमैन) अपनी आखिरी लड़ाई में जोकर के ज़हर से संक्रमित हो गया। इस ज़हर ने उसे बना दिया बैटमैन और जोकर का खतरनाक मिश्रण — यानी जो इंसान पहले इंसाफ का प्रतीक था, वही अब अराजकता का चेहरा बन गया। उसके पास ब्रूस की तेज़ दिमागी क्षमता और जोकर की पागलपंती, दोनों थीं। इस कॉम्बिनेशन ने उसे बना दिया धरती का सबसे खतरनाक इंसान। उसने अपने जैसे ही बुरे ब्रूस वेन की टीम तैयार की और डीसी की असली दुनिया पर हमला बोल दिया।
‘डेथ मेटल’ की घटनाओं के दौरान वह और भी ताकतवर हो गया। उसने कॉस्मिक शक्तियाँ हासिल कर लीं, जिससे वह अब परपेटुआ जैसी देवी-समान ब्रह्मांडीय शक्तियों को भी चुनौती देने लगा।
उसकी सोच और जीत का रहस्य

इतनी ताकत मिलने के बाद भी, उसकी निराशावादी सोच नहीं बदली। यही सोच उसे सबकुछ खत्म करने के लिए उकसाती रही। उसने लगभग पूरे मल्टीवर्स को मिटा दिया — बस एक पृथ्वी बची थी। बाकी सारे हीरो उसके और उसकी मृतकों की सेना के खिलाफ आखिरी जंग की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच, अंतरिक्ष में चल रही थी बैटमैन हू लाफ़्स और परपेटुआ की भिड़ंत।वहीं पर उसने परपेटुआ से कहा कि लोग ये मानते हैं कि इंसान अपनी बुरी भावनाओं से बचना चाहते हैं, लेकिन सच्चाई उलटी है — वो तो उनमें डूबना चाहते हैं। वो परपेटुआ से कहता है —
“असल सच ये है कि भगवान ही हमसे भागना चाहते हैं। इसलिए मरने से पहले ये जान लो — हम तुम्हें देख रहे हैं, तुम्हें जो अपने अच्छे गुणों की डींगे मारते हो… और हम हंस रहे हैं।”
उसका यह डायलॉग दो पूरे पन्नों में फैला हुआ है और उसकी सोच को पूरी तरह खोलकर रख देता है।
जो खुद को ‘रक्षक’ कहते हैं, वही हमें ऐसी ताकतों के सामने मज़ाक बना देते हैं जो अच्छाई की भीख मांगती हैं — और फिर, वो हंसते हैं। उसने ये बातें अपनी जीत से ठीक पहले कहीं, इसलिए ये रीढ़ तक सिहराने वाली बन जाती हैं।
बैटमैन हू लाफ़्स की शुरुआत
इस डरावने किरदार की कहानी शुरू हुई करीब दो साल पहले। एक दूसरी पृथ्वी पर, जोकर ने बैटमैन को इतना उकसाया कि उसने वो हद पार कर दी जिसे उसने कभी न पार करने की कसम खाई थी।

2017 की कॉमिक ‘डार्क नाइट्स: द बैटमैन हू लाफ़्स – स्पेशल एडिशन #1’ में दिखाया गया है कि जोकर ने बच्चों के सामने उनके माता-पिता की हत्या करवाई। यह देखकर गुस्से में बैटमैन ने जोकर को बेरहमी से मारा और उसकी गर्दन तोड़ दी।
लेकिन जैसे ही जोकर मरा, उसके शरीर से वो ज़हर निकल गया जिसने उसे अपराधी बनाया था — और वो ज़हर अब बैटमैन के अंदर फैल गया। उसे समझने का वक्त तक नहीं मिला कि क्या हो रहा है। जब सुपरमैन ने उसे बताया कि जोकर के जहर से संक्रमित एक बच्चे ने वैज्ञानिक का गला काटने की कोशिश की, तो बैटमैन अचानक हंसने लगा।
उसने माफ़ी मांगी — और बस, वहीं से उसका खूनी पागलपन शुरू हो गया।
अपनी दुनिया में सबको खत्म करने के बाद, वो बार्बेटोस नाम के शैतानी देवता द्वारा चुना गया ताकि वो डीसी यूनिवर्स की मुख्य दुनिया को तबाह कर सके। तब से वो लगातार हीरोज़ के खिलाफ अपना आतंक फैला रहा है — और उसकी हंसी, अब भी गूंज रही है।
नाम के पीछे का राज़: ‘द मैन हू लाफ़्स’
आप सोच रहे होंगे — इस विलेन का नाम इतना लंबा क्यों है? “बैटमैन हू लाफ़्स” यानी हंसने वाला बैटमैन। नाम तो बढ़िया है, लेकिन बाकी किरदारों की तरह छोटा क्यों नहीं? आखिर किसी ने उसे “बैटजोकर” या “बैट विदूषक” जैसा नाम क्यों नहीं दिया? जैसे “पैसा कमाने वाला लेक्स लूथर” या “चुटकियां बजाने वाला थैनोस” नहीं कहते — वैसे ही “हंसने वाला बैटमैन” थोड़ा अलग लगता है, है ना?
असल में, इस नाम के पीछे एक खास सिनेमाई राज़ छिपा है। क्रिएटर्स ने यह नाम रखा था 1928 की एक मूक (Silent) फिल्म “The Man Who Laughs” के सम्मान में। इस फिल्म में कॉनराड वीड्ट ने ग्विनप्लेन नाम के किरदार का रोल निभाया था — एक ऐसा आदमी जिसके चेहरे पर हमेशा के लिए एक स्थायी मुस्कान थी। वो एक अजीब और दुखभरी ज़िंदगी जीता था, सर्कस में काम करता था, लेकिन उसकी मुस्कान उसके दर्द को छिपा नहीं पाती थी।
‘The Man Who Laughs’ को अक्सर जोकर के किरदार की प्रेरणा माना जाता है। यहाँ तक कि ग्रैंट मॉरिसन (जिन्होंने बैटमैन के लिए भी लिखा है) ने अपनी किताब ‘Supergods’ में लिखा था कि “जोकर” का जन्म सीधे इसी मूक फिल्म की रोशनी से हुआ था। उन्होंने यहाँ तक कहा था कि जब 1940 में ‘Batman #1’ में जोकर को पहली बार पेश किया गया, तो क्रिएटर्स को ‘The Man Who Laughs’ के लिए कानूनी नोट डालना चाहिए था — क्योंकि प्रेरणा वहीं से आई थी।
बैट–फ़ैमिली का क़त्ल और उससे आगे
जैसे ही बैटमैन को पता चला कि वो जोकर के ज़हर से संक्रमित हो चुका है, उसके साथी — नाइटविंग, बैटगर्ल, रेड हुड और टिम ड्रेक (रॉबिन) — उससे मिलने आए। वे सब ये सोच रहे थे कि जब तक कोई इलाज नहीं मिलता, तब तक ब्रूस को कैसे काबू में रखा जाए। किसी ने तो वेनम इंजेक्शन (जो ताकत बढ़ाने वाला ड्रग है) देने की बात भी उठाई।
लेकिन ‘डार्क नाइट्स: द बैटमैन हू लाफ़्स – स्पेशल एडिशन #1’ के एक सीन में सब कुछ बदल गया। पूरी तरह पागल हो चुका बैटमैन हू लाफ़्स अपनी ही बैट-फ़ैमिली की बेरहमी से हत्या कर देता है। हमें बाद में पता चलता है कि उसने अपनी पूरी दुनिया को खत्म कर दिया था — यानी ऑरेकल, बैटवूमन, सिग्नल जैसे दूसरे बैट-परिवार के सदस्य भी मारे गए होंगे।
बस एक ही अपवाद था — उसका बेटा, डेमियन वेन, जिसे उसने अपने पागल रॉबिन्स में से एक बना लिया।
बाद में, हम देखते हैं कि बैटमैन हू लाफ़्स अपने पागल रॉबिन्स के साथ जस्टिस लीग वॉचटावर पर पहुंचता है। वहाँ टीम के लगभग सारे ताकतवर सदस्य मारे जा चुके थे — सिर्फ़ सुपरमैन बचा था। पर ये साफ था कि वो भी अब ज़्यादा देर ज़िंदा नहीं रहेगा।
ब्रूस वेन (यानि बैटमैन हू लाफ़्स) लोइस लेन और सुपरमैन के बेटे जॉन को वॉचटावर पर लाता है, और ब्लैक क्रिप्टोनाइट के एक बदले हुए टुकड़े का इस्तेमाल करता है। हालाँकि कॉमिक में ये सीन सीधे नहीं दिखाया गया, लेकिन इशारा साफ था — इस क्रिप्टोनाइट के असर से सुपरमैन पागल हो गया और उसने अपने ही परिवार पर हमला कर दिया।
पागल रॉबिन्स (The Rabid Robins)
जहाँ भी बैटमैन हू लाफ़्स जाता है, उसके साथ उसका डरावना रॉबिन्स का झुंड भी होता है। ये रॉबिन्स जोकर के ज़हर से संक्रमित बच्चे हैं, जो उसके हर आदेश का पालन करते हैं — चाहे वो किसी निर्दोष इंसान को पकड़कर फाड़ डालना ही क्यों न हो।

बैटमैन हू लाफ़्स बनने से पहले ही, इन में से ज़्यादातर बच्चे जोकर द्वारा संक्रमित किए जा चुके थे।
जोकर ने उन्हें अपने माता-पिता की हत्या करने पर मजबूर किया था — और यही वो घटना थी जिसने बैटमैन को आखिरकार हद पार करने और जोकर को मार डालने पर मजबूर किया।
जोकर के मरने के बाद भी, ये बच्चे उसी संक्रमण में जिंदा रहे — और बैटमैन हू लाफ़्स ने उन्हें अपनी मौत की सेना बना लिया।
जहाँ तक हमें पता है, इन सब में से सिर्फ़ एक रॉबिन को बैटमैन हू लाफ़्स ने खुद संक्रमित किया — और वो था डेमियन वेन। उसने सुपरमैन से कहा था कि अपने बेटे को बदलने में उसे “थोड़ी ही मेहनत” करनी पड़ी — यानी शायद डेमियन की लीग ऑफ असासिन्स में हुई ट्रेनिंग ने उसे और भी आसानी से बदलने में मदद की। जोकर का ये संक्रमण सिर्फ़ बच्चों की मानसिकता तक नहीं रहा — इसने उनकी शक्लें भी बदल दीं। उनकी त्वचा सफेद पड़ गई, दाँत नुकीले हो गए, और कान भी तेज़, लगभग जानवर जैसे दिखने लगे। हर जगह, जहाँ भी ये पागल रॉबिन्स दिखे, वहाँ बस खून, डर और हंसी की गूंज सुनाई दी।
वो बैटमैन जो हमेशा जीतता है
कॉमिक्स के फैंस का एक पुराना यकीन है — बैटमैन हमेशा जीतता है। ये बात 1986 की मशहूर कॉमिक ‘Batman: The Dark Knight Returns’ के बाद और भी पक्की हो गई थी, जब एक बूढ़े ब्रूस वेन ने खुद सुपरमैन को हरा दिया था।
लोग कहते हैं — फर्क नहीं पड़ता कि दुश्मन कितना ताकतवर है; अगर बैटमैन को थोड़ा भी तैयारी का वक्त मिल जाए, तो वो जीत का रास्ता ढूंढ ही लेता है।
अब ज़रा बैटमैन हू लाफ़्स को देखो। इसने अपने डार्क मल्टीवर्स में इतने बड़े पैमाने पर कत्लेआम किया कि पूरी दुनिया ही मिटा डाली। लेखक स्कॉट स्नाइडर की बात सही साबित होती है — “बैटमैन हमेशा जीतता है।” पर फर्क बस इतना था कि इस बार उसकी जीत किसी नेक मकसद के लिए नहीं थी। हमारी मुख्य दुनिया वाला ब्रूस वेन अपने सिद्धांतों पर चलता है, पर बैटमैन हू लाफ़्स के लिए बस एक ही नियम था — “जीतनी है, चाहे जैसे भी।”
उसे ये फर्क नहीं पड़ता था कि इसके लिए उसे कौन-सी हद पार करनी पड़े। उसके लिए जीत ही सब कुछ थी — और यही उसे सबसे डरावना बनाती है।
गन चलाने वाला बैटमैन: द ग्रिम नाइट
हम सब जानते हैं कि असली बैटमैन का एक सख्त नियम है — वो कभी बंदूक नहीं चलाता। क्योंकि उसने बचपन में अपने माता-पिता को बंदूक से मारा जाते देखा था। वही हादसा उसके जीवन का सबसे बड़ा घाव और उसकी पहचान की जड़ है।
लेकिन फिर आती है एक और कहानी — ‘The Grim Knight’ — जिसमें हम एक ऐसे ब्रूस वेन से मिलते हैं जो बिल्कुल उल्टा है।
ये बैटमैन बंदूक से डरता नहीं, बल्कि उसे अपना सबसे बड़ा हथियार मानता है।
द ग्रिम नाइट के पास इतने हथियार होते हैं कि किसी हॉलीवुड एक्शन फिल्म का पूरा स्टॉक लग जाए!
वो एक ऐसा बैटमैन है जो गोली चलाने में हिचकिचाता नहीं — और शायद इसी वजह से बैटमैन हू लाफ़्स ने उसे अपना साथी बना लिया।
कॉमिक ‘The Grim Knight #1’ में एक सीन है जहाँ द ग्रिम नाइट, जिम गॉर्डन को कैद करके अपनी कहानी सुनाता है।
कहानी शुरू होती है उसी ट्रॉमैटिक पल से — जब छोटे ब्रूस वेन के माता-पिता को जो चिल ने मारा था।
लेकिन यहाँ किस्मत का खेल कुछ और था — जब जो चिल, मार्था वेन का हार खींचने की कोशिश कर रहा था, उसकी बंदूक उसके हाथ से गिर गई। और छोटे ब्रूस ने वो बंदूक उठाई — और भागने से पहले ही जो चिल को गोली मार दी।
उस पल ने सब कुछ बदल दिया। अब जब वो बड़ा हुआ, तो उसके पास डर मिटाने का नहीं, बल्कि डर पैदा करने का तरीका था। उसकी यूटिलिटी बेल्ट में ढेर सारी बंदूकें होती थीं, और वो अपने दुश्मनों को बिना किसी रहम के खत्म करता था।
द ग्रिम नाइट वो बैटमैन था जो वही करता था जो असली बैटमैन कभी नहीं कर सकता — और यही उसे और भी भयानक बनाता था।
