Close Menu
  • Home
  • Comics
  • Featured
  • Hindi Comics World
  • Trending
  • Blog
  • Spotlight
  • International

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from Comics Bio about art, design and business.

What's Hot

Bankelal – Karva Chauth Comic Review: A Festival of Laughter and Chaos in Raj Comics

27 October 2025

बांकेलाल – करवाचौथ: हँसी, चालाकी और बदकिस्मती से सजा राज कॉमिक्स का देसी त्योहार स्पेशल!

26 October 2025

तुरुप चाल: Parmanu और Tiranga की रोमांचक राजनीतिक सुपरहीरो कॉमिक्स रिव्यू

26 October 2025
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
comicsbio.comcomicsbio.com
Subscribe
  • Home
  • Comics
  • Featured
  • Hindi Comics World
  • Trending
  • Blog
  • Spotlight
  • International
comicsbio.comcomicsbio.com
Home » Arrest Him – नकलची कॉमिक्स का आखिरी पार्ट | क्या तिरंगा सच में अपराधी है?
Don't Miss Updated:23 September 2025

Arrest Him – नकलची कॉमिक्स का आखिरी पार्ट | क्या तिरंगा सच में अपराधी है?

न्यायप्रिय नायक तिरंगा और चालाक खलनायक नकलची की रोमांचक टक्कर पर आधारित राज कॉमिक्स की क्लासिक कृति का विस्तृत विश्लेषण।
ComicsBioBy ComicsBio23 September 2025Updated:23 September 202527 Mins Read
Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Reddit Email
तिरंगा – अरेस्ट हिम कॉमिक्स रिव्यू | Tiranga vs Nakalchi | Raj Comics Review
तिरंगा और नकलची की यह टक्कर सिर्फ कॉमिक्स की लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय बनाम बदले की सोच की जंग है।
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

तिरंगा, जिसका असली नाम अभय देशपांडे है, सिर्फ एक सुपरहीरो नहीं बल्कि भारत की शान और गर्व का जिंदा प्रतीक है। उसकी ड्रेस में हमारे तिरंगे के तीन रंग झलकते हैं और उसके हाथ में जो ‘सुरक्षा-चक्र’ वाली ढाल है, वो दुश्मनों के लिए किसी काल से कम नहीं।

‘अरेस्ट हिम’ नकलची कॉमिक्स का दूसरा और आखिरी पार्ट है, और इसी कॉमिक्स की हम यहाँ चर्चा करने वाले हैं। इसे हनीफ अजहर ने लिखा था और इसका दूसरा पार्ट भी दिलीप चौबे ने ही तैयार किया है। कॉमिक्स का नाम ही पढ़ते ही दिमाग में एक बड़ा सवाल उठता है—जो नायक खुद कानून और न्याय की रक्षा करता है, वही गिरफ्तार क्यों हो रहा है?

यही से शुरू होती है ये कहानी, जो देशभक्ति, धोखे, भ्रष्टाचार और न्याय बनाम बदले की टकराहट से भरी हुई है।

कथानक का विस्तृत विश्लेषण

कहानी की शुरुआत ऐसे सीन से होती है जो किसी भी तिरंगा फैन को हिला कर रख दे। दिल्ली के आसमान में जब तिरंगा का सुरक्षा-चक्र चमकता है तो वो इंसाफ की पहचान लगता है। लेकिन यहाँ तो इंसाफ का रखवाला खुद ही पुलिस की हथकड़ियों में जकड़ा नज़र आता है। पुलिस उसे पकड़ लेती है और तिरंगा के चेहरे पर हैरानी और दर्द साफ दिखता है। इतनी जबरदस्त शुरुआत पढ़ने वाले को तुरंत कहानी से जोड़ लेती है।

जल्दी ही पता चलता है कि इस पूरे खेल के पीछे एक चालाक अपराधी ‘नकलची’ का हाथ है। नाम जैसा ही उसका काम—वो किसी की भी आवाज़ हूबहू कॉपी कर सकता है। उसने तिरंगा का रूप बनाकर और उसकी आवाज़ निकालकर पुलिस कमिश्नर पर हमला कर दिया। अब पुलिस की नज़र में तिरंगा अपराधी बन चुका है। लेकिन नकलची का असली मकसद सिर्फ तिरंगा को फंसाना नहीं, बल्कि उससे कहीं बड़ा है। उसका असली दुश्मन है भ्रष्ट मुख्यमंत्री (सी.एम.), जिसने उसके पिता राकेश डांगी को मरवा दिया था। राकेश डांगी सी.एम. के पी.ए. थे और उनके पास एक डायरी थी, जिसमें सी.एम. की सारी काली करतूतें लिखी थीं। अब नकलची का टारगेट है दो—पिता की मौत का बदला और डायरी ढूंढकर सी.एम. की पोल खोलना।

कहानी का दूसरा पहलू पुलिस और कानून में भरोसे को दिखाता है। जिस कमिश्नर पर हमला हुआ था, वो तिरंगा पर अटूट भरोसा रखते हैं। उन्हें पूरा यकीन है कि तिरंगा उन पर हाथ नहीं उठा सकता। इसी भरोसे के चलते वो तिरंगा को छोड़ देते हैं ताकि वो असली अपराधी को पकड़कर अपनी बेगुनाही साबित कर सके। यही पल कहानी का टर्निंग पॉइंट है, जहाँ तिरंगा भगोड़ा नहीं बल्कि सच्चे न्याय का खोजी बन जाता है।

इसके बाद तिरंगा नकलची की तलाश में निकलता है। उधर नकलची को पता चलता है कि सी.एम. ने उसकी हत्या के लिए गवली नाम के माफिया डॉन को सुपारी दी है। नकलची अपने घर में डायरी ढूंढ ही रहा होता है कि गवली के गुंडे उस पर टूट पड़ते हैं। तभी अचानक तिरंगा फरिश्ते की तरह पहुंचकर नकलची की जान बचा लेता है। लेकिन नकलची उसे पहचान नहीं पाता और वहाँ से भाग निकलता है।

फिर नकलची एक और चाल चलता है। वो सी.एम. के बेटे सुदेश के अपहरण का ड्रामा करता है। अपनी आवाज़ बदलने की कला से वो सी.एम., सुदेश और गवली को एक पुराने खंडहर में बुला लेता है। उसका इरादा था एक ही वार से तीन शिकार करना। यहाँ धमाकेदार भिड़ंत होती है। गोलियों की बौछार के बीच तिरंगा फिर अपना फर्ज निभाता है। वो जानता है कि सी.एम. गद्दार है, लेकिन फिर भी उसे गवली के गुंडों से बचाता है। क्योंकि तिरंगा का सिद्धांत साफ है—कानून को अपने हाथ में नहीं लेना, बल्कि उसकी रक्षा करना।

कहानी का असली रोमांच तब शुरू होता है जब नकलची अपनी आखिरी चाल चलता है। वो सी.एम. को उसके मरे हुए पिता राकेश डांगी की आवाज़ में फोन करके यकीन दिलाता है कि डायरी उनकी कब्र में छुपी है। लालच में सी.एम. वहाँ पहुँच जाता है। तिरंगा भी नकलची का पीछा करते हुए कब्रगाह तक पहुँच जाता है। वहाँ दोनों आमने-सामने आ जाते हैं। भिड़ंत के दौरान तिरंगा को एक गुंडे की लाश से एक चाबी मिलती है, जिस पर खास निशान बना होता है।

वो चाबी तिरंगा को एक पुराने मंदिर तक ले जाती है। तिरंगा को यकीन हो जाता है कि डायरी वहीं छुपी है। वो मंदिर के लॉकर और दानपात्र खंगालता है और आखिरकार एक दानपात्र से डायरी मिल जाती है। लेकिन तभी नकलची वहाँ आ धमकता है। वो साफ बता देता है कि ये सब उसकी प्लानिंग थी। उसे पता था कि तिरंगा उससे बेहतर जासूस है और डायरी वही ढूंढ सकता है। उसने तिरंगा को बस मोहरे की तरह इस्तेमाल किया। वो मंदिर की घंटियों की आवाज़ का फायदा उठाकर पुलिस और तिरंगा दोनों को बेवकूफ बनाता है और डायरी लेकर फरार हो जाता है।

कॉमिक्स का अंत ज़बरदस्त क्लिफहेंगर पर होता है। नकलची डायरी के साथ भाग चुका है और उसका इरादा है सिर्फ सी.एम. नहीं बल्कि हर भ्रष्ट नेता को बेनकाब करना। तिरंगा एक बार फिर ठगा सा रह जाता है और पाठक सोच में पड़ जाते हैं—अब आगे क्या होगा?

चरित्र-चित्रण

‘अरेस्ट हिम’ कॉमिक्स की सबसे बड़ी ताकत इसके किरदार हैं। तिरंगा यहाँ सिर्फ एक ताकतवर योद्धा नहीं है, बल्कि कानून और न्याय पर अटूट भरोसा रखने वाला आदर्श नायक दिखाया गया है। उसकी खासियत सिर्फ उसकी ताकत नहीं, बल्कि उसकी जासूसी समझ और अपने सिद्धांतों के प्रति ईमानदारी है, जो उसे और भी बड़ा बनाती है।

वहीं खलनायक नकलची भी कोई आम अपराधी नहीं है। अपने पिता की मौत का बदला लेने की वजह से उसके किरदार में भावनाएँ जुड़ जाती हैं, जिससे कहीं-न-कहीं पाठक भी उसके प्रति थोड़ी सहानुभूति महसूस करता है। उसकी आवाज़ बदलने की अनोखी ताकत का इस्तेमाल कहानी में मज़ेदार और अलग तरीके से किया गया है। शरीर से भले ही वो कमजोर हो, लेकिन दिमागी खेल में तिरंगा को कड़ी चुनौती देता है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री और गवली जैसे किरदार राजनीति और अपराध के गठजोड़ को दिखाते हैं।

कला और चित्रांकन

दिलीप चौबे की ड्रॉइंग उस दौर की याद दिलाती है जब राज कॉमिक्स अपने क्लासिक समय में थी। उनकी आर्टवर्क में दम और ऊर्जा झलकती है। चाहे तिरंगा की गुंडों से भिड़ंत हो या खंडहर में गोलियों की बारिश—हर एक्शन सीन ज़बरदस्त तरीके से बनाया गया है।

चेहरों के भाव भी बहुत असरदार हैं—नकलची की चालाक मुस्कान और तिरंगा की दृढ़ता कहानी को और असली बना देते हैं। रंगों का इस्तेमाल भी सीन के हिसाब से किया गया है—तनाव वाले पलों में गहरे रंग और तिरंगा के दृश्यों में चमकीले रंग।

निष्कर्ष

‘तिरंगा – अरेस्ट हिम’ सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं बल्कि एक शानदार थ्रिलर है। इसकी कहानी टाइट है और हर पन्ने पर नया ट्विस्ट और सस्पेंस है। यह कॉमिक्स एक अहम सवाल उठाती है—क्या गलत रास्ते से सही मकसद हासिल करना सही है?

ये तिरंगा की सबसे यादगार कहानियों में से एक है, क्योंकि इसमें उसे ऐसी चुनौती मिलती है जहाँ उसे बाहर के दुश्मनों के साथ-साथ सिस्टम के भीतर के अविश्वास से भी लड़ना पड़ता है। नकलची जैसे चालाक दुश्मन से उसका मुकाबला इस कहानी को और खास बना देता है।

कहानी का क्लिफहेंजर एंडिंग पाठक को आगे के लिए और उत्सुक कर देता है।

कुल मिलाकर, ‘अरेस्ट हिम’ राज कॉमिक्स के सुनहरे दौर की एक बेहतरीन मिसाल है, जो आज भी उतनी ही रोमांचक और मज़ेदार लगती है। ये हर कॉमिक्स प्रेमी के लिए पढ़ने लायक है।

Comic Review Indian comics superhero comics अरेस्ट हिम तिरंगा देशभक्ति कॉमिक्स नकलची राज कॉमिक्स
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
ComicsBio
  • Website

Related Posts

बांकेलाल – करवाचौथ: हँसी, चालाकी और बदकिस्मती से सजा राज कॉमिक्स का देसी त्योहार स्पेशल!

26 October 2025 Don't Miss Updated:26 October 2025

तुरुप चाल: Parmanu और Tiranga की रोमांचक राजनीतिक सुपरहीरो कॉमिक्स रिव्यू

26 October 2025 Hindi Comics World Updated:26 October 2025

Dayawan Taussi Comics Review – Tulsi Comics का Emotional और Epic Adventure!

26 October 2025 Hindi Comics World Updated:26 October 2025
View 2 Comments

2 Comments

  1. legendlink on 23 September 2025 23:38

    That was a wild match! Seeing teams adapt strategies is so key. Thinking about secure platforms, I recently checked out legend link club – legit KYC process for peace of mind! Definitely a solid platform. 🔥

    Reply
  2. legendlink on 23 September 2025 23:38

    Dice games are all about understanding probabilities, right? It’s fascinating how even seemingly random rolls can be analyzed! Thinking about secure platforms like legend link slot makes me feel better about fair play & enjoying the experience. Account verification is key!

    Reply

Leave A Reply Cancel Reply

Top Posts

Deadliest Female Villains in Raj Comics: A Clash with Nagraj

11 September 2024

Kali Mirch Chacha: Master Marksman and Doga’s Mentor in Black Paper Art

11 September 2024

Supernatural Wonders Unleashed: Parmanu vs. Buddhhipalat Showdown!

11 September 2024

Interesting Ways to Read Free Online Comics

2 September 2025
Don't Miss

Bankelal – Karva Chauth Comic Review: A Festival of Laughter and Chaos in Raj Comics

By ComicsBio27 October 2025

In the world of Raj Comics, while on one hand superheroes are busy saving the…

बांकेलाल – करवाचौथ: हँसी, चालाकी और बदकिस्मती से सजा राज कॉमिक्स का देसी त्योहार स्पेशल!

26 October 2025

तुरुप चाल: Parmanu और Tiranga की रोमांचक राजनीतिक सुपरहीरो कॉमिक्स रिव्यू

26 October 2025

Trump Move (Turup Chaal): When Parmanu and Tiranga Entered the Political Battlefield

26 October 2025
Stay In Touch
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from Comics Bio about art & design.

About Us
About Us

Welcome to ComicsBio, your one-stop shop for a colorful universe of cartoons, movies, anime, and feature articles!

Email Us: info@comicsbio.com

Our Picks

Bankelal – Karva Chauth Comic Review: A Festival of Laughter and Chaos in Raj Comics

27 October 2025

बांकेलाल – करवाचौथ: हँसी, चालाकी और बदकिस्मती से सजा राज कॉमिक्स का देसी त्योहार स्पेशल!

26 October 2025

तुरुप चाल: Parmanu और Tiranga की रोमांचक राजनीतिक सुपरहीरो कॉमिक्स रिव्यू

26 October 2025
Most Popular

Deadliest Female Villains in Raj Comics: A Clash with Nagraj

11 September 2024

Kali Mirch Chacha: Master Marksman and Doga’s Mentor in Black Paper Art

11 September 2024

Supernatural Wonders Unleashed: Parmanu vs. Buddhhipalat Showdown!

11 September 2024
comicsbio.com
Facebook X (Twitter) Instagram
  • About Us
  • Terms
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • FAQ
© 2025 comicsbio

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.