डेडपूल को शक्तियाँ कैसे मिलीं
डेडपूल का असली नाम वेड विल्सन है। वह पहले एक किराये का सैनिक (mercenary) हुआ करता था, लेकिन बाद में उसे पता चला कि उसे कैंसर हो गया है — वो भी आखिरी स्टेज का। ज़िंदगी बचाने की आखिरी कोशिश में, वेड ने एक खतरनाक गुप्त प्रयोग में हिस्सा लेने का फैसला किया। ये प्रयोग ‘वेपन एक्स (Weapon X)’ नाम के प्रोग्राम का हिस्सा था, जिसका मकसद था उसकी छिपी हुई म्यूटेंट शक्तियों को जगाना और उसे कैंसर से छुटकारा दिलाना।
इस प्रयोग के दौरान, वेड को एक खास सीरम दिया गया, जिससे उसे वूल्वरिन (Wolverine) जैसी तेज़ी से ठीक होने की शक्ति (Regenerative Healing Factor) मिल गई। लेकिन ये शक्ति उसे आसानी से नहीं मिली। एजेंक्स (Ajax) नाम का एक आदमी इस प्रोजेक्ट को चला रहा था, और उसने वेड पर भयानक यातनाएँ दीं ताकि उसकी यह शक्ति एक्टिव हो सके। इन दर्दनाक प्रयोगों और अत्याचारों ने वेड को मरने नहीं दिया, लेकिन उसके शरीर और चेहरे को पूरी तरह बिगाड़ दिया। आखिरकार, वो बन गया डेडपूल — एक ऐसा इंसान जिसके पास तो अद्भुत हीलिंग पावर थी, पर उसकी शक्ल बेहद डरावनी और विकृत हो गई थी।
उसका चेहरा ठीक क्यों नहीं होता
डेडपूल का ये भयानक चेहरा उसकी शक्तियों का ही एक अजीब साइड इफ़ेक्ट है। असल में, उसकी हीलिंग पावर ने कैंसर को पूरी तरह खत्म नहीं किया, बल्कि बस रोक दिया है। यानी, कैंसर की कोशिकाएँ अभी भी उसके शरीर में हैं और लगातार उसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश करती रहती हैं। लेकिन उसकी हीलिंग पावर इतनी तेज़ है कि वो उन कोशिकाओं को मरने नहीं देती। सीधी बात कहें तो, उसके शरीर के अंदर दो ताकतें हमेशा लड़ती रहती हैं — एक कैंसर, जो उसे बिगाड़ रहा है, और दूसरी उसकी हीलिंग शक्ति, जो उसे मरने नहीं देती। इस लगातार चलने वाले संघर्ष की वजह से ही वेड विल्सन का शरीर और चेहरा कभी ठीक नहीं हो पाता।

अगर किसी वजह से उसकी हीलिंग पावर थोड़ी देर के लिए भी बंद हो जाए (जैसा कि फ़िल्म में दिखाया गया है), तो कैंसर तुरंत फैलने लगता है, और उसकी हालत और खराब हो जाती है। यानी जब तक उसकी शक्तियाँ काम कर रही हैं, वो मर नहीं सकता, लेकिन उसका चेहरा और शरीर कभी सामान्य नहीं हो पाएंगे।
कॉमिक बुक में डेडपूल को शक्तियाँ कैसे मिलीं
वेड विल्सन एक बेहद कुशल सैनिक थे, जो सेना छोड़ने के बाद किराये के सैनिक (mercenary) बन गए। इसी बीच उन्हें पता चला कि उनके शरीर में कई ऐसे ट्यूमर हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता — यानी उन्हें टर्मिनल कैंसर था। अपनी जान बचाने की आखिरी कोशिश में, वेड ने कनाडा के एक गुप्त सरकारी प्रोग्राम ‘डिपार्टमेंट के’ (Department K) में शामिल होने का फैसला किया। दिलचस्प बात ये थी कि यही प्रोग्राम वूल्वरिन के निर्माण से भी जुड़ा हुआ था और ‘वेपन एक्स (Weapon X)’ प्रोजेक्ट का हिस्सा था।
‘डिपार्टमेंट के’ के वैज्ञानिकों ने वेड के शरीर में वूल्वरिन का जेनेटिक मटेरियल (Wolverine’s genetic material) इंजेक्ट किया। इस प्रयोग का मकसद था कि वेड के अंदर भी वूल्वरिन जैसी तेज़ हीलिंग क्षमता (healing factor) विकसित हो जाए।ये प्रयोग सफल रहा। इस नई शक्ति ने न सिर्फ़ उनके ट्यूमर की बढ़ोतरी को रोक दिया, बल्कि उन्हें कमाल की हीलिंग एबिलिटी दे दी। यानी अब उनका शरीर लगभग किसी भी चोट से बहुत तेज़ी से ठीक हो सकता था। इस तरह, वेड की शक्तियाँ सीधा वूल्वरिन के डीएनए (DNA) से जुड़ी हुई थीं।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। एक मिशन के दौरान, वेड ने गलती से ‘डिपार्टमेंट के’ के एक सदस्य को मार डाला, जिसके बाद उन्हें प्रोजेक्ट से निकाल दिया गया। इसके बाद, डॉक्टर किलब्राइड और उनके निर्दयी सहायक एजेंक्स (Ajax) ने उन पर अमानवीय और बेहद दर्दनाक प्रयोग शुरू कर दिए।
इन प्रयोगों के दौरान वेड के अंदर का गुस्सा और दर्द बढ़ता गया — और उसी के साथ उसकी हीलिंग एबिलिटी भी और मज़बूत होती गई। यहाँ तक कि जब उसका दिल निकाल लिया गया और उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया, तब भी उसकी हीलिंग शक्ति ने उसे मरने नहीं दिया। यही वो प्रक्रिया थी जिसने वेड विल्सन को बनाया ‘मर्क विद द माउथ’ (Merc with the Mouth) — यानी डेडपूल, जिसके पास अब न सिर्फ़ अमर जैसी हीलिंग पावर थी, बल्कि एक तेज़-तर्रार जुबान और अलग पहचान भी थी।
वूल्वरिन और डेडपूल के हीलिंग फैक्टर की कहानी
डेडपूल (वेड विल्सन) और वूल्वरिन (लोगन) — दोनों के पास खुद को तुरंत ठीक करने की कमाल की क्षमता है। ऊपर-ऊपर से देखने पर लगता है कि उनकी शक्तियाँ एक जैसी हैं, जो उन्हें लगभग अमर बना देती हैं। लेकिन असली फर्क इस बात में है कि इन दोनों को ये शक्तियाँ कैसे मिलीं और उनकी प्रकृति (nature) क्या है।
वूल्वरिन की कहानी काफ़ी सीधी है — वो जन्म से ही म्यूटेंट है। उसका हीलिंग फैक्टर प्राकृतिक शक्ति है, जो उसके म्यूटेशन के साथ आया। जब भी लोगन को चोट लगती है, उसका शरीर तुरंत खुद की मरम्मत कर लेता है। उसका हीलिंग फैक्टर ऐसे काम करता है जैसे शरीर का अपना सुपर-डॉक्टर, जो उसे हमेशा एकदम फिट रखता है।
बीमारियाँ, संक्रमण या ज़हर — कुछ भी उस पर असर नहीं करता। यहाँ तक कि उसकी हड्डियों में लगी ज़हरीली धातु एडामेंटियम का जहर भी उसके हीलिंग फैक्टर के सामने टिक नहीं पाता। उसकी मरी हुई कोशिकाएँ पलभर में नई, स्वस्थ कोशिकाओं से बदल जाती हैं।

अब बात करें डेडपूल की — उसकी कहानी थोड़ी दर्दनाक है। वेड विल्सन जन्म से म्यूटेंट नहीं था। उसे उसकी शक्ति एक प्रयोग (experiment) के ज़रिए मिली। जब वेड को पता चला कि उसे लाइलाज कैंसर है, तो उसने वेपन एक्स (Weapon X) प्रोग्राम में हिस्सा लिया। वैज्ञानिकों का प्लान था कि वे वूल्वरिन के डीएनए (DNA) की मदद से वही हीलिंग शक्ति वेड को भी दे सकें। उन्होंने यह कर दिखाया, लेकिन उन्होंने ये नहीं सोचा कि वेड का शरीर पहले से ही कैंसर से भरा हुआ था।
नतीजा यह हुआ कि वेड के शरीर के अंदर एक लगातार चलने वाली लड़ाई शुरू हो गई — उसका हीलिंग फैक्टर चाहता है कि वो ठीक हो जाए, लेकिन कैंसर की कोशिकाएँ लगातार उसे बिगाड़ती रहती हैं। जब वेड घायल होता है, तो उसकी शक्ति मरी हुई कोशिकाओं को बदलने के लिए नई कोशिकाएँ बनाती है, लेकिन ये नई कोशिकाएँ भी कैंसर वाली होती हैं। इसलिए यह कभी खत्म न होने वाला चक्र चलता रहता है — कोशिकाएँ मरती हैं, फिर बनती हैं, फिर मरती हैं… और यही वजह है कि डेडपूल अमर तो है, लेकिन उसका चेहरा और शरीर हमेशा विकृत रहते हैं। उसकी शक्ति उसे पूरी तरह ठीक नहीं करती, बस ज़िंदा रखती है।
डेडपूल का शक्ति स्तर (Power Level)
अगर ताकत की बात करें, तो डेडपूल के पास निश्चित रूप से सुपरह्यूमन स्ट्रेंथ (superhuman strength) है। वह करीब पाँच टन तक वज़न उठा सकता है। मार्वल के बाकी सुपरहीरोज़ से तुलना करें, तो यह मिड-टियर (mid-tier) लेवल की ताकत है। यह कैप्टन अमेरिका से तो काफी ज़्यादा है, लेकिन स्पाइडर-मैन (जो 50 टन से ज़्यादा उठा सकता है) या हल्क और थॉर (जो 100 टन से ऊपर हैं) के सामने काफी कम है।
अब अगर स्पीड (speed) की बात करें, तो डेडपूल की दौड़ने की रफ़्तार किसी बेहतरीन एथलीट जैसी ही है — यानी वह इंसानी सीमाओं के करीब है। हाँ, उसके पास अलौकिक फुर्ती (supernatural agility) और रिफ्लेक्सेस (reflexes) हैं, जो उसके शरीर में हुए बदलावों का असर हैं। इसी फुर्ती की वजह से वह गोलियों और तेज़ हमलों से बच निकलता है, भले ही उसे पूरी तरह अंदाज़ा न हो कि हमला कहाँ से आ रहा है। डेडपूल टेलीपोर्टेशन गैजेट्स (teleportation gadgets) का भी इस्तेमाल करता है, जिससे वह लड़ाई के बीच पलभर में अपनी जगह बदल सकता है। उसकी सबसे बड़ी ताकत है उसकी हीलिंग पावर और उसका कॉम्बैट स्किल (combat skill)। वह धरती के सबसे घातक योद्धाओं में से एक माना जाता है। उसकी ट्रेनिंग और लड़ने का तरीका उसे बेहद ख़तरनाक बनाता है। वह आमतौर पर तलवारें और बंदूकें इस्तेमाल करता है, लेकिन सच कहें तो वह किसी भी हथियार को चलाने में माहिर है।
डेडपूल की एक और अनोखी ताकत है उसका निडरपन (fearlessness)। वह जानता है कि वह मर नहीं सकता, इसलिए वह किसी भी खतरनाक स्थिति में पूरी हिम्मत से कूद पड़ता है। उसका दिमाग भी थोड़ा टेढ़ा-मेढ़ा है, इसलिए वह हर सिचुएशन में हास्य ढूंढ लेता है। जब कोई इंसान ज़ख्मी होने से नहीं डरता, तो वह किसी भी जोखिम भरे काम में उतरने से पीछे नहीं हटता, क्योंकि उसे पता है — अगर वो गिरा भी, तो फिर से उठ खड़ा होगा।
क्या डेडपूल मार्वल का सबसे शक्तिशाली सुपरहीरो है?
डेडपूल को मार्वल का सबसे शक्तिशाली (most powerful) सुपरहीरो नहीं कहा जा सकता। उसके पास ज़रूर कुछ जबरदस्त शक्तियाँ हैं, लेकिन मार्वल यूनिवर्स में उससे भी ज़्यादा ताकतवर किरदार मौजूद हैं। सबसे पहले बात करें ताकत की तुलना (Strength Comparison) की —डेडपूल की शारीरिक ताकत थॉर या हल्क जैसे सुपरहीरोज़ के सामने बहुत कम है।
वो करीब पाँच टन तक वज़न उठा सकता है, जबकि हल्क और थॉर सैकड़ों टन तक की ताकत दिखा चुके हैं।
अब आती है उसकी सबसे बड़ी शक्ति (Greatest Power) की बात —डेडपूल की असली ताकत उसकी जीने की ज़बरदस्त इच्छा और उसकी हीलिंग पावर है। वो न सिर्फ़ जल्दी ठीक हो जाता है, बल्कि डर के बिना लड़ता है, क्योंकि उसे पता है कि चाहे जितनी चोट लगे — वो मरेगा नहीं। इसी वजह से वह ऐसी लड़ाइयों में भी कूद जाता है, जहाँ कोई और सुपरहीरो सोचने से पहले ही पीछे हट जाए।
जहाँ बाकी नायक अपने जीवन को बचाने की कोशिश करते हैं, वहीं डेडपूल मज़ाक करते हुए मौत से खेलता है। उसका यह निडर और पागलपन भरा रवैया उसे खास और अलग बनाता है। वह अपने लड़ने के अंदाज़ और रणनीति के कारण इतना ख़तरनाक है कि उसे अक्सर पुनीशर (Punisher) जैसे बेहतरीन योद्धाओं के बराबर माना जाता है।
फर्क बस इतना है कि डेडपूल के पास हीलिंग पावर है, जो उसे लगभग अमर बना देती है। तो कुल मिलाकर, डेडपूल सबसे ताकतवर तो नहीं, लेकिन वह सबसे ख़तरनाक और लगभग अजेय (unbeatable) किरदारों में ज़रूर आता है। उसका हास्य, पागलपन, और मौत से बेख़ौफ़ रवैया — यही उसे दूसरों से अलग और यादगार बनाते हैं।