कुछ लोग इतिहास रचते हैं, कुछ लोग इतिहास लिखते हैं और कुछ खुद ही इतिहास बन जाते हैं।
पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पहले किसी जीती-जागती हस्ती का इतिहास लिखते हैं और फिर उसे अपना शिकार बनाकर इतिहास बना देते हैं। ऐसे लोगों में एक है यह शख्स – जो खुद को कहता है इतिहास।
इतिहास, परमाणु कॉमिक्स के मुख्य विलनों में से एक है। इसे टॉप टेन में जगह दी जा सकती है क्योंकि प्रिंसिपल के बाद इतिहास ही वह खलनायक है जिसने परमाणु की ज़िंदगी को तबाह किया और दिल्लीवालों को लूटकर कंगाल करने पर तुला रहा।
दरअसल, इतिहास के हाथों में वह जादू है कि वह किसी भी ऐतिहासिक चीज़ को ज़िंदा कर सकता है। हालांकि, उसे शक्ति कैसे मिली, इस बात का ज़िक्र किसी कॉमिक्स में नहीं है। यहाँ तक कि वह अपराधी कैसे बना, इसका भी खुलासा नहीं हुआ। ‘हुकूमत’ कॉमिक्स में बस इतना पता चलता है कि उसका असली नाम महेंद्र सिंह है और उसका एक जुड़वाँ भाई भी है जिसका नाम सुरेंद्र सिंह है। इतिहास यानी महेंद्र सिंह की एक बेटी भी है – ग़ज़ल।
लेकिन इतिहास को यह पता नहीं होता, क्योंकि जब वह अपराध की दुनिया में कदम रखता है, तब उसकी पत्नी गर्भवती होती है। कुछ दिनों बाद बेटी को जन्म देते समय उसकी पत्नी की मौत हो जाती है। इसके बाद सुरेंद्र सिंह उस बच्ची को अपनी बेटी बनाकर पालता है और इतिहास को इसकी भनक तक नहीं लगने देता, ताकि उसकी बच्ची पर अपराध का साया न पड़े। किंतु जब इतिहास के जाल में फँसकर परमाणु मौत के करीब पहुँच जाता है, तब सुरेंद्र सिंह को मजबूरन इतिहास को उसकी बेटी की सच्चाई बतानी पड़ती है। साथ ही यह भी कि परमाणु की वजह से ही उसकी बेटी ज़िंदा है। यह जानकर इतिहास परमाणु को छोड़ देता है।
इतिहास क्रूर है और कालापानी जेल से भागने वालों में उसका नाम सबसे ऊपर आता है। उसने कई बार अपनी शक्तियों के बल पर परमाणु को कड़ी टक्कर दी है। यहाँ तक कि उसने एक बार परमाणु को भूतकाल में भी भेज दिया था। नीचे हम इतिहास और परमाणु से जुड़ी उसकी कुछ खास कॉमिक्स के बारे में बता रहे हैं।
इतिहास

इतिहास जिसे जिंदा इंसानों को मारकर उन्हें इतिहास बनाने में मज़ा आता है। इस बार वह दिल्ली की महान हस्तियों को मारकर उनकी कुछ खास चीज़ें अपने पास रख लेता है। और ऐसा करने से पहले वह उनका शोक संदेश वाला पोस्टर शहर की हर दीवार पर चिपका देता है।
उसे रोकने की जिम्मेदारी दी जाती है परमाणु यानी इंस्पेक्टर विनय को। लेकिन इतिहास उसके सामने लोगों की हत्या करता रहता है और वह कुछ नहीं कर पाता। फिर परमाणु बनकर वह इतिहास का पीछा करता है, लेकिन इतिहास उसका भी शोक संदेश वाला पोस्टर शहर में लगवा देता है।
ज़ोरो

शहर में एक नया सुपरहीरो आया है – ज़ोरो। ब्रिटिश किवदंती का वही हीरो, जो अमीरों को लूटकर गरीबों में बाँट देता था। लेकिन सैकड़ों साल बाद अचानक दिल्ली में किसी का ज़ोरो बनना चौंकाने वाला था।
जल्द ही अपराधियों को जेल पहुँचाकर उसने दिल्लीवालों का भरोसा जीत लिया। यहाँ तक कि परमाणु भी उसके झांसे में आ गया और उसने अपना कॉस्ट्यूम उतार दिया, क्योंकि उसकी नज़र में अब ज़ोरो ही दिल्ली का रखवाला था। लेकिन सवाल ये है – क्या सच में ज़ोरो सुपरहीरो था या सिर्फ परमाणु को दिल्ली से दूर रखने की साज़िश?
उम्र क़ैद

इतिहास अचानक अपने गुनाहों का पश्चाताप करना चाहता है। वह परमाणु के चरणों में गिरकर माफी माँगना चाहता है। यह सुनकर परमाणु भी हैरान था। जब वह इतिहास से मिलता है, तो उसकी आँखों में आँसू देखकर चौंक जाता है।
लेकिन यह सब एक चाल थी। कालापानी जेल में किताबें पढ़ते समय इतिहास के हाथ लगती है सदियों पुरानी एक किताब, जिसमें एक तिलिस्म का जिक्र है जो उसी जेल में मौजूद है। इतिहास धोखे से परमाणु को उसी तिलिस्म में कैद कर देता है और काला पानी जेल पर अपना राज कायम कर लेता है।
फिर आया इतिहास

एक बार फिर इतिहास जेल से फरार हुआ है। लेकिन इस बार किसी ने उसे आज़ाद करवाया है – और वह है भैरव।
उसका मकसद है उस शक्ति को आज़ाद करना जो हज़ारों साल से ज़मीन के नीचे कैद है। उसका नाम है अंकुशा, जिसमें संसार की हर वस्तु पर अंकुश करने की क्षमता है।
इतिहास की ताकत के आगे शक्ति भी उसकी गुलाम बन जाती है और भैरव उसका इस्तेमाल परमाणु के खिलाफ करता है।
हुकूमत

शहर में ऐतिहासिक चीजें ज़िंदा हो रही हैं। परमाणु को हर बार शक होता है इतिहास पर। लेकिन वह तो कालापानी जेल में कैद है। परमाणु कई बार जाकर इसकी पुष्टि भी कर चुका है। तो फिर वह कौन है जिसके पास इतिहास जैसी ही शक्ति है?
काल दर्पण

एक बार फिर परमाणु का सामना इतिहास से होता है। लेकिन इस बार इतिहास अकेला नहीं है। उसने अपनी शक्ति से गेम के कैरेक्टर्स को ज़िंदा कर दिया है, जो शहर में लूटपाट मचा रहे हैं।
जब परमाणु उसे रोकने आता है, तो इतिहास एक काल दर्पण की मदद से उसे भूतकाल में भेज देता है, जहाँ उसका सामना एक दिग्गज महारथी से होना तय है।
काल यात्रा

काल यात्रा, काल दर्पण कॉमिक्स का दूसरा भाग है। इसमें इतिहास परमाणु को भूतकाल में भेज देता है, जहाँ परमाणु की टक्कर होती है भोकाल से।
भूतकाल में फँसा परमाणु, भोकाल के सबसे बड़े शत्रु गुणीक से मिलता है। गुणीक अपनी बातों में उलझाकर परमाणु को भोकाल के खिलाफ कर देता है, और फिर आमने-सामने आ जाते हैं – भूतकाल और भविष्य के दो योद्धा।
कौन जीता और कौन हारा, यह तो आपको कॉमिक्स पढ़ने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन एक बात तय है – इतिहास की वजह से हमें दो सुपरहीरोज़ की ज़बरदस्त लड़ाई देखने को मिलती है, वो भी काल यात्रा में।