आज हम जिस कॉमिक्स की बात करने जा रहे हैं, उसका नाम है “मिस्टर इंडिया का बदला“। लेकिन ये सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं, बल्कि उस दौर की रचनात्मक सोच, देशभक्ति और तेज़ एक्शन का ज़बरदस्त संगम है।
परशुराम शर्मा की जबरदस्त कहानी और चंद्रा स्टूडियो का ज़िंदा कर देने वाला आर्टवर्क मिलकर इसे ऐसी कॉमिक्स बना देते हैं, जो पहली नज़र में ही दिल जीत लेती है।
इसका नाम “बदला“ खुद ही कहानी का असली मतलब बता देता है — ये है प्रतिशोध की दास्तान, अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने की कहानी, और सबसे बढ़कर, भारत के अमर रक्षकों की शहादत को सलाम करने वाली एक भावनात्मक यात्रा।
नायक का जन्म – एक अलग और देशभक्ति से भरा विचार
हर सुपरहीरो की कहानी में उसका “ओरिजिन” यानी जन्म बहुत अहम होता है। और मिस्टर इंडिया का ओरिजिन तो भारतीय कॉमिक्स के इतिहास में सबसे अलग और जोश से भरा हुआ है।
यह कोई लैब में हुए प्रयोग या किसी देवता के वरदान का नतीजा नहीं, बल्कि चार अमर शहीदों के बलिदान से जन्मी कहानी है।

कहानी शुरू होती है काला पहाड़ के नीचे छिपे स्पार्टी ग्रह के एक गुप्त अड्डे से। यह एक विदेशी ताकत है जो भारत के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। इस खतरे को मिटाने के लिए भारत की सीक्रेट सर्विस के चार बेहतरीन जासूस — नागरानी, दारा, इकबाल और अग्निपथ — उस अड्डे में घुसपैठ करते हैं।
लेकिन वहां वे अपनी जान गंवा देते हैं। उनका शरीर तो मिट जाता है, मगर उनकी आत्माएं जिंदा रहती हैं — जलती हुई, बदले की आग से भरी हुई। वो चारों आत्माएं एक ऐसे शरीर की तलाश में निकलती हैं जो उनके मिशन को आगे बढ़ा सके, और उन्हें वो शरीर मिलता है — पायलट ऑफिसर इंद्रदेव का।
जब ये चारों आत्माएं इंद्रदेव के शरीर में समा जाती हैं, तो जन्म होता है मिस्टर इंडिया का।
ये कोई आम मिलन नहीं था, बल्कि चार महान योद्धाओं की आत्माओं और एक जांबाज़ शरीर का मिलन था — जो एक नई ताकत, एक नए नायक का रूप बन गया। इंद्रदेव अब सिर्फ इंसान नहीं रहा, बल्कि वो चार शहीदों की शक्तियों का मंदिर बन चुका था।
मिस्टर इंडिया की शक्तियों का संगम
इस कॉमिक्स की सबसे खास बात यही है कि इसमें बताया गया है कि मिस्टर इंडिया की हर शक्ति कहाँ से आती है।
उसका नाम I-N-D-I-A सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि पाँच अलग-अलग शक्तियों का मेल है।
N (नागरानी) – नागरानी की शक्ति से उसे नाग जैसी फुर्ती और घातक क्षमता मिलती है। उसकी फुंकार 20 गज दूर तक दुश्मन को बेहोश कर सकती है और उसका डंक पत्थर तक पिघला सकता है।
D (दारा) – दारा से उसे मार्शल आर्ट्स का मास्टर बना देने वाली ताकत मिलती है। उसकी शारीरिक शक्ति और युद्ध कौशल उसे एक अजेय योद्धा बनाते हैं।
I (इकबाल) – इकबाल एक वैज्ञानिक जीनियस है, जो मिस्टर इंडिया को तकनीकी समझ, मशीनरी का ज्ञान और तुरंत जख्म भरने की ताकत देता है। वह उसका “ब्रेन” बन जाता है, जिससे मिस्टर इंडिया को हर लड़ाई में रणनीतिक बढ़त मिलती है।
A (अग्निपथ) – अग्निपथ से उसे अग्निचक्र और अग्निकवच की ताकत मिलती है — यानी आग से बचाव भी और विनाश भी।
और जब इन चारों की आत्माएं I (इंद्रदेव) के शरीर में मिलती हैं, तब बनता है I-N-D-I-A — वो नाम जो खुद में ही देशभक्ति की मिसाल है।
यह सिर्फ एक नायक नहीं, बल्कि उन चार अमर रक्षकों की आत्माओं का प्रतीक है, जिनकी शहादत और जज़्बा उसे जीवित रखते हैं।
इसलिए “मिस्टर इंडिया” का नाम सुनते ही पाठक के दिल में देशभक्ति, भावना और रोमांच — तीनों एक साथ जाग उठते हैं।
कथानक और कहानी की गति: नॉन–स्टॉप एक्शन
“मिस्टर इंडिया का बदला“ की कहानी शुरुआत से ही आपको पकड़ लेती है और बिना रुके आगे बढ़ती जाती है। यहाँ आज की कॉमिक्स की तरह धीरे-धीरे किरदारों को गढ़ने या रहस्य फैलाने का टाइम नहीं है। पहले ही कुछ पन्नों में मिस्टर इंडिया का जन्म हो जाता है और अगले ही पल वह अपने मिशन पर निकल पड़ता है। उसका मकसद साफ है — स्पार्टी ग्रह के अड्डे को तबाह करना और अपने शहीद साथियों की मौत का बदला लेना।
कहानी का खलनायक पक्ष भी उतना ही दिलचस्प है। स्पार्टी ग्रह की रानी बेहद महत्वाकांक्षी और निर्दयी शासक है। उसका सपना है पृथ्वी पर राज करना, लेकिन तरीका ऐसा कि सुनकर हैरानी हो जाए। वह दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधियों — खाड़ी देशों के आतंकवादी शेख गुलेगुल, यूरोप के माफिया और अमेरिका के दानव-समान अपराधियों — को एक साथ इकट्ठा करती है। उन्हें लालच देती है कि अगर वे उसके वफादार बन जाएं, तो अपने-अपने इलाकों के “बादशाह” बन सकते हैं।
यह ट्विस्ट कहानी को एक वैश्विक पैमाना देता है, दिखाता है कि अब खतरा सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है।

मिस्टर इंडिया का स्पार्टी अड्डे में दाखिल होना, वहाँ के पंखों वाले दैत्य सैनिकों से भिड़ना, और फिर जेल में बंद बेगुनाह कैदियों को छुड़ाने का उसका मिशन — कहानी को लगातार जोश और गति से आगे बढ़ाते हैं।
एक्शन सीक्वेंस इस कॉमिक्स की जान हैं। चाहे वह पंखों वाले योद्धाओं से भिड़ते हुए मिस्टर इंडिया के मार्शल आर्ट मूव्स हों या अग्निचक्र का जबरदस्त प्रयोग, हर पैनल में ऊर्जा, ताकत और रोमांच भरा है।
कहानी का बड़ा मोड़ तब आता है जब स्पार्टी रानी अपने सबसे घातक हथियार को मैदान में उतारती है — एक “सुपरमैन” जैसे दिखने वाले रोबोट को, जो पृथ्वी पर तबाही मचा देता है।
पूरा शहर खंडहर में बदल जाता है और अब मिस्टर इंडिया के सामने दो बड़ी चुनौतियाँ हैं — एक तरफ निर्दोष कैदियों को बचाना और दूसरी तरफ धरती पर मच रहे विनाश को रोकना।
यही डबल टेंशन कहानी को और रोमांचक बना देती है, जिससे पाठक आखिरी पन्ने तक जुड़ा रहता है।
कला और चित्रांकन: पुराने ज़माने का जादू
चंद्रा स्टूडियो का आर्टवर्क इस कॉमिक्स की एक बड़ी ताकत है। उस दौर की कॉमिक्स का जो अलग आकर्षण था, वह इसमें खूब झलकता है।
रेखाएँ बोल्ड हैं, साफ़ हैं, और हर एक्शन सीन में दम महसूस होता है।
किरदारों के चेहरे के भाव — खासकर गुस्सा, दर्द और हैरानी — बहुत अच्छे से उकेरे गए हैं।
मिस्टर इंडिया की ड्रेस भी ध्यान खींचती है — लाल और नीले रंग का कॉम्बिनेशन और छाती पर चमकता ‘MIA’ (Mr. India) लोगो — साधारण होते हुए भी याद रह जाने वाला डिज़ाइन है। रंगों का इस्तेमाल भी जीवंत है, जो कहानी के तेज़ और ऊर्जावान माहौल को पूरी तरह मैच करता है।
भले ही आज के डिजिटल युग के हिसाब से कलर थोड़े फ्लैट लगें, लेकिन उस समय के लिए यह टॉप–क्लास आर्टवर्क था।
एक्शन सीन में “धड़ाम!, खटाक!, विस्फोट!” जैसी आवाज़ों का विज़ुअल इस्तेमाल कहानी में मज़ा बढ़ा देता है — जैसे आप खुद उस लड़ाई का हिस्सा हों।
पैनलों का लेआउट सीधा-सादा और आसानी से समझ आने वाला है, जिससे पढ़ते वक्त कहानी का फ्लो कभी नहीं टूटता।खास तौर पर फाइट सीन में कलाकारों ने गति और ताकत दिखाने के लिए शानदार पोज़ और परिप्रेक्ष्य (perspective) का इस्तेमाल किया है।
स्पार्टी के पंख वाले सैनिकों का डिज़ाइन, रानी का रॉयल लुक, और वो विशालकाय धातु का रोबोट — हर किरदार की अपनी अलग पहचान है, जो इसे बाकी कॉमिक्स से अलग बनाती है।
सिर्फ एक कॉमिक्स से कहीं ज्यादा
“मिस्टर इंडिया का बदला” सिर्फ एक एक्शन कहानी नहीं है, बल्कि देशभक्ति के केंद्रीय विषय से ओत-प्रोत एक गहरी प्रतीकात्मक कथा है। जहाँ इसका शीर्षक प्रतिशोध और न्याय की लड़ाई को दर्शाता है, जो व्यक्तिगत न होकर उन शहीदों का बदला है जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया, वहीं नायक का I-N-D-I-A नामकरण और उसकी शक्तियाँ अनेकता में एकता का एक सशक्त रूपक प्रस्तुत करती हैं। मिस्टर इंडिया एक इकाई है जिसमें महिला (नागरानी), पहलवान (दारा), वैज्ञानिक (इकबाल), और अग्नि-योद्धा (अग्निपथ) की आत्माएं शामिल हैं, जो भारत की विविध सामाजिक संरचना को दर्शाती हैं, जहाँ विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोग मिलकर राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति बनते हैं। इसके अलावा, कहानी विज्ञान बनाम रहस्यवाद का एक अनूठा संतुलन भी दिखाती है, जिसमें प्रोफेसर इकबाल की वैज्ञानिक बुद्धि और उन्नत तकनीक, नागरानी की अलौकिक नाग-शक्तियाँ और अग्निपथ की तात्विक शक्तियों के साथ मिलकर यह संदेश देती हैं कि नायक अपनी विरासत और आंतरिक शक्तियों के साथ-साथ आधुनिकता पर भी निर्भर करता है।
निष्कर्ष: एक क्लासिक जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है
“मिस्टर इंडिया का बदला” सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं, बल्कि भारतीय कॉमिक्स के स्वर्ण युग का जिंदा सबूत है।
यह हमें उस दौर में ले जाती है जब कहानियाँ सीधी-सादी होती थीं, पर असरदार। जब नायक सिर्फ ताकतवर नहीं, बल्कि आदर्श और प्रेरणा के प्रतीक होते थे। इसकी तेज़ रफ्तार कहानी, शानदार उत्पत्ति और ज़ोरदार देशभक्ति आज भी इसे पढ़ने लायक बनाते हैं।
हाँ, आज के पाठकों को इसमें थोड़ी “डेप्थ” या “किरदारों की जटिलता” की कमी लग सकती है, लेकिन इसे उसी दौर के हिसाब से देखना चाहिए। उस समय ये कॉमिक्स त्वरित मनोरंजन, रोमांच और देशभक्ति के संदेश के लिए बनाई गई थी — और इसमें ये तीनों चीज़ें पूरी तरह सफल होती हैं। यह कॉमिक्स उन सभी पाठकों के लिए एक अनमोल खज़ाना है जो भारतीय सुपरहीरोज़ के इतिहास को जानना चाहते हैं। यह परशुराम शर्मा की कल्पना और चंद्रा स्टूडियो की कला का ऐसा शानदार संगम है जो साबित करता है — अच्छी कहानी कहने के लिए बड़े बजट या हाई-टेक इफेक्ट्स की नहीं, बल्कि एक दमदार विचार और जुनून की ज़रूरत होती है।
“मिस्टर इंडिया का बदला” ऐसी ही एक कहानी है — जो आज भी हर कॉमिक्स प्रेमी के दिल में अपनी खास जगह बनाए हुए है।
