राज कॉमिक्स का नाम आते ही दिमाग में नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, डोगा जैसे हीरोज़ की तस्वीरें घूमने लगती हैं। लेकिन राज कॉमिक्स सिर्फ सुपरहीरो की कहानियाँ ही नहीं लाता, बल्कि हॉरर, सस्पेंस और सामाजिक मुद्दों पर भी ऐसी यादगार कॉमिक्स दी हैं जो सालों तक दिलों में बस जाती हैं। “प्रेत अंकल” भी उसी खजाने का एक अनोखा रत्न है। नाम सुनकर लगता है कि बस डराएगा, लेकिन असल में यह कॉमिक्स डर के साथ-साथ भावनाओं के गहरे दरिया में भी डुबो देती है। टी.आर. सिप्पी की लिखी और विनोद कुमार के चित्रों से सजी यह कॉमिक्स हॉरर, सस्पेंस और इमोशन का बेहतरीन संगम है। इसकी सबसे खास बात यही है कि यह बताती है—जो बाहर से डरावना दिखता है, वो हमेशा बुरा नहीं होता, और जो इंसानियत का नकाब पहनता है, वही अक्सर असली शैतान निकलता है।
कथानक का सार: मासूमियत और दहशत का टकराव
कहानी की शुरुआत होती है एक तूफानी और अंधेरी रात से। बिजली कड़क रही है, बारिश जोर से बरस रही है और इसी अफरा-तफरी में एक नन्ही मासूम बच्ची अपनी जान बचाने के लिए बेतहाशा भाग रही है। उसका पीछा कर रहे हैं दो खूंखार हत्यारे – गोगा और पेटसी (या वेटसी), जिन्होंने अभी-अभी उसके माता-पिता को बेरहमी से मार डाला है। बच्ची का हर कदम मौत से दूर भागने की कोशिश है, जबकि हत्यारों का हर कदम उस मासूम जिंदगी को बुझाने की ख्वाहिश से भरा है।
भागते-भागते बच्ची ठोकर खाकर गिर जाती है। जैसे ही वह उठती है, उसके सामने एक विशाल और रहस्यमयी आकृति खड़ी होती है – यही है “प्रेत अंकल”। बच्ची, जो इंसानी दरिंदों से डरी हुई है, इस डरावने लेकिन अलौकिक चेहरे में उम्मीद की किरण देख लेती है। वह रोते हुए उससे मदद की गुहार लगाती है कि वो उसे गुंडों से बचा ले। प्रेत अंकल, जिसका असली नाम जैकब है, बच्ची की मासूमियत देखकर पिघल जाता है। जब हत्यारे वहां पहुंचते हैं और जैकब का खौफनाक रूप देखते हैं, तो उनकी जान सूख जाती है और वे दुम दबाकर भाग जाते हैं।

इसके बाद कहानी का रुख बदलता है। जैकब बेहोश बच्ची को लेकर पहुँचता है “इरी की गुफा” – यानी प्रेत लोक। यह प्रेतों की अपनी दुनिया है, जहाँ सख्त कानून चलते हैं। सबसे बड़ा नियम है – खून पीना मना है। जैकब को एक जिंदा बच्ची के साथ देखकर बाकी प्रेत गुस्से में आ जाते हैं। उन्हें लगता है कि जैकब इस बच्ची का खून पीकर नियम तोड़ेगा, और वे सब मिलकर उस पर हमला कर देते हैं।
मामला पहुँचता है प्रेत लोक के शासक इरी के पास। इरी एक न्यायप्रिय और ताकतवर प्रेत है। एक वकील प्रेत जैकब पर आरोप लगाता है कि उसने नियम तोड़ा है। तब जैकब पूरी घटना बताता है कि कैसे उसने बच्ची को इंसानी दरिंदों से बचाया और उसका इरादा नेक था। इरी, जो सच को पहचान सकता है, जैकब की बात मान लेता है और उसे बच्ची को वापस इंसानी दुनिया में सुरक्षित छोड़ने का आदेश देता है।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। जब जैकब बच्ची को छोड़कर लौटता है, तो उसे एहसास होता है कि हत्यारे अब भी उस बच्ची को ढूंढ रहे होंगे ताकि कोई सबूत न बच सके। उसका दिल बच्ची की सुरक्षा को लेकर बेचैन हो जाता है। वह दोबारा इरी से मदद मांगता है। इरी, जैकब की इंसानियत और करुणा देखकर, न सिर्फ उसकी मदद करता है बल्कि कुछ और प्रेतों को भी उसके साथ भेज देता है।
कहानी का क्लाइमेक्स बेहद जोरदार है। गोगा, पेटसी और उनके साथी (एक हकला और एक पंजाबी) फिर से बच्ची तक पहुँच जाते हैं। जैसे ही वे हमला करने वाले होते हैं, प्रेत अंकल और उसके प्रेत साथी वहाँ प्रकट हो जाते हैं। इसके बाद जो होता है, वह हत्यारों के लिए किसी डरावने सपने जैसा है। प्रेत अंकल और उसकी टोली एक-एक कर उन दरिंदों को उनकी क्रूरता की सजा देते हैं।
अंत में बच्ची सुरक्षित हो जाती है, और प्रेत अंकल को अपनी नीरस प्रेत-योनि में एक नया मकसद मिल जाता है – उस मासूम बच्ची का अदृश्य रक्षक बने रहना।
चरित्र चित्रण: गहराई और भावनाएँ
प्रेत अंकल (जैकब): यह पूरी कॉमिक्स की आत्मा है। वह कोई साधारण हॉरर भूत नहीं है जो बस डराता है। भले ही उसका रूप-रंग खौफनाक है, लेकिन उसके दिल में करुणा और इंसाफ की भावना भरी हुई है। वह एक रक्षक और अभिभावक जैसा लगता है। एक बच्ची की पुकार पर उसका पिघल जाना और अपने ही लोक के नियमों के खिलाफ जाकर उसकी मदद करना उसे यादगार हीरो बना देता है। यह किरदार इस बात का सबूत है कि अच्छाई सिर्फ रूप-रंग पर नहीं टिकी होती।
मासूम बच्ची: इस बच्ची का नाम कहीं नहीं बताया गया, और यही उसकी सबसे बड़ी खूबी है। वह हर उस निर्दोष इंसान का प्रतीक है जो दुनिया की बेरहमी का शिकार होता है। उसका डर, उसकी लाचारी और एक डरावने प्रेत पर भरोसा करना कहानी को असली इमोशन देता है।
इरी: प्रेत लोक का शासक, जो कहानी में बहुत अहम है। वह सिर्फ राजा नहीं बल्कि न्याय का प्रतीक है। वह सख्त है, लेकिन अंधा नहीं। सच तक पहुँचने की ताकत रखता है और सही फैसले करता है। उसका किरदार यह दिखाता है कि चाहे इंसानों की दुनिया हो या प्रेतों की, हर जगह नियम और न्याय ज़रूरी हैं।
खलनायक (गोगा, पेटसी और गैंग): ये कहानी के असली राक्षस हैं। उनका लालच और बेरहमी इस हद तक है कि पैसों के लिए मासूम बच्ची तक की जान लेने को तैयार रहते हैं। इनका किरदार दिखाता है कि असली शैतान सींग-पूंछ वाले नहीं होते, बल्कि इंसानों के चेहरे में छिपे होते हैं। और कहानी में इनका अंत उतना ही डरावना और भयानक दिखाया गया है, जितनी क्रूरता इन्होंने की थी।
कला और चित्रांकन

विनोद कुमार का चित्रांकन इस कहानी के मूड को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तूफानी रात के दृश्यों में रंगों का गहरा और ठंडा उपयोग दहशत का माहौल बनाता है। प्रेत अंकल का डिज़ाइन वाकई डरावना है – एक विशाल शरीर, उलझे हुए बाल, और चमकती आँखें। इसके बावजूद, कलाकार ने कुछ पैनलों में उसकी आँखों में बच्ची के लिए चिंता और करुणा का भाव दिखाने में सफलता पाई है। प्रेत लोक का चित्रण भी कल्पनाशील है, जहाँ पारभासी और कंकालनुमा प्रेतों को दिखाया गया है। एक्शन दृश्य गतिशील हैं और हॉरर का तत्व हर पैनल में मौजूद है, खासकर जब प्रेत हत्यारों को सज़ा देते हैं।
प्रमुख विषय और संदेश
“प्रेत अंकल” सिर्फ एक हॉरर कॉमिक्स से कहीं बढ़कर है, यह दिखावा और वास्तविकता, मासूमियत की रक्षा, न्याय की जीत और करुणा जैसे कई गहरे विषयों को छूती है। यह कहानी हमें सिखाती है कि जो जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं, क्योंकि एक प्रेत रक्षक बन जाता है और साधारण इंसान राक्षस। पूरी कहानी एक बच्ची की मासूमियत को बचाने के इर्द-गिर्द घूमती है, यह दर्शाती है कि मासूमियत में एक प्रेत के पत्थर दिल को भी पिघलाने की ताकत है। यह कॉमिक्स इस बात पर भी जोर देती है कि बुरे कर्मों का फल बुरा ही होता है, जहाँ हत्यारों को उनके किए की सज़ा एक अलौकिक शक्ति द्वारा मिलती है। अंत में, यह दिखाती है कि जैकब को एक बच्ची की मदद करके एक नया मकसद मिला, जो यह साबित करता है कि दूसरों के लिए करुणा और सेवा ही जीवन को एक उद्देश्य देती है।
निष्कर्ष
“प्रेत अंकल“ राज कॉमिक्स की ऐसी कहानी है जो वक्त की हर कसौटी पर खरी उतरती है। यह एक पूरा पैकेज है—जिसमें रोमांच है, डर है, सस्पेंस है और सबसे बढ़कर दिल को छू लेने वाला इमोशनल हिस्सा भी है। यह कॉमिक्स आपको डराती भी है और सोचने पर मजबूर भी करती है। यह सिखाती है कि हमें किसी को सिर्फ उसके चेहरे या बाहरी शक्ल से नहीं परखना चाहिए, क्योंकि अच्छाई किसी भी रूप में हो सकती है। अगर आप राज कॉमिक्स के स्वर्ण युग की कोई ऐसी कहानी पढ़ना चाहते हैं, जो सुपरहीरो वाली दुनिया से अलग हो और आपके दिल पर गहरी छाप छोड़ दे, तो “प्रेत अंकल“ आपके लिए ज़रूर पढ़ने लायक है। यह कॉमिक्स सचमुच अविस्मरणीय है और यह साबित करती है कि कई बार सबसे बड़े रक्षक वही निकलते हैं, जिनसे हम सबसे ज़्यादा डरते हैं।