‘त्रिफना’ (विशेषांक संख्या 211) नागराज की उसी विशाल और जटिल कहानी का बहुत अहम हिस्सा है, जो ‘खजाना’ शृंखला और नागपाशा के साथ चल रहे संघर्ष को एक नई और खतरनाक ऊँचाई पर ले जाती है। यह कॉमिक्स सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि इसमें भावनाएँ, एक्शन, रहस्य और पौराणिकता का शानदार मिश्रण देखने को मिलता है। ‘मृत्युदंड’ और ‘नागद्वीप’ के बाद यह अगली कड़ी है, जो उन सभी सवालों के जवाब देने का वादा करती है जो पहले अनसुलझे रह गए थे, और साथ ही आने वाले महायुद्ध की नींव भी तैयार करती है। इस समीक्षा में हम इस विशेषांक के हर पहलू — कहानी, पात्र, चित्रांकन, संवाद और इसके प्रभाव — का ध्यान से विश्लेषण करेंगे।
कथानक और पृष्ठभूमि (Plot and Background)
‘त्रिफना’ की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ पिछली खास कड़ियाँ खत्म हुई थीं। कहानी की पूरी पृष्ठभूमि इस बात पर आधारित है कि नागराज के पूर्वजों के खजाने की तीन ‘काल-मणियाँ’ बेहद शक्तिशाली हैं, और नागपाशा और उसका गुरु (नागगुरु/गुरुदेव) उन्हें किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं। इन्हीं मणियों को पाने के लिए नगीना ने तांत्रिक अंकुश की मदद ली और खजाना लेकर नागद्वीप भाग गई। उधर गुरुदेव ने दादा वेदाचार्य और भारती को अगवा कर लिया ताकि उनसे ‘कालदूत’ का पता निकलवाया जा सके। कालदूत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके पास ‘त्रिफना सर्प’ है, जिसके बिना वो काल-मणियाँ बेकार हैं।

कहानी की शुरुआत एक बेहद तनाव भरे दृश्य से होती है। महानगर में मौजूद नागराज, महात्मा कालदूत की जानलेवा पकड़ (कुंडली) में फँसा होता है। यहाँ एक विडंबना दिखाई देती है — कालदूत, जो स्वयं एक महात्मा और नागराज के शुभचिंतक हैं, अंकुश के तांत्रिक नियंत्रण में आकर नागराज की जान के पीछे पड़ जाते हैं। यह दृश्य सिर्फ शारीरिक लड़ाई को नहीं, बल्कि नागराज के मानसिक संघर्ष को भी दिखाता है, क्योंकि उसे अपने ही गुरु-तुल्य व्यक्ति से लड़ना पड़ रहा है।
कहानी में बड़ा मोड़ तब आता है जब नागराज अपनी फुर्ती और समझदारी का इस्तेमाल करता है। वह समझ जाता है कि कालदूत का दिमाग अंकुश के प्रभाव में है और यह नियंत्रण रक्त प्रवाह के माध्यम से भेजे जा रहे संकेतों पर टिका है। अपनी जान दांव पर लगाते हुए, नागराज नागफनी सर्पों की मदद से कालदूत की पूंछ में रक्त संचार रोक देता है, जिससे अंकुश का संपर्क टूट जाता है। यह दृश्य नागराज की तुरंत निर्णय लेने की क्षमता और उसकी रणनीतिक सोच का बेहतरीन उदाहरण है।

जैसे ही कालदूत मुक्त होता है, कहानी में कई छिपी बातें सामने आती हैं। वह बताता है कि राजा सुमेरनाथ ने नागराज के पूर्वज राजा अक्षराज को मणियाँ दी थीं। इसके बाद कहानी कई मोर्चों पर फैल जाती है — नागद्वीप में विसर्पी और नगीना का संघर्ष, गुरुदेव की प्रयोगशाला में वेदाचार्य और भारती की जद्दोजहद, और नागराज तथा कालदूत का ‘त्रिफना’ सर्प को खोजने का मिशन। कहानी की रफ्तार बहुत तेज है और लगभग हर पन्ने पर एक नया ट्विस्ट, खुलासा या रोमांच सामने आता है। अंत में पूरा माहौल आने वाले ‘महायुद्ध’ (अगली कड़ी) की ओर बढ़ता है, जहाँ सभी शक्तियाँ एक-दूसरे के सामने होंगी।
पात्र विश्लेषण (Character Analysis)
नागराज: इस कॉमिक्स में नागराज सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि एक रक्षक और एक समझदार रणनीतिकार के रूप में नज़र आता है। शुरुआत में वह कालदूत की पकड़ में फंसा हुआ असहाय दिखता है, लेकिन हार नहीं मानता। उसका यह गुण कि वह केवल ताकत के बजाय दिमाग और रणनीति से लड़ता है (जैसे कालदूत को मुक्त करने का तरीका), उसे बाकी सुपरहीरोज़ से अलग बनाता है। विसर्पी और भारती के लिए उसकी चिंता उसके भावुक और इंसानी पक्ष को सामने लाती है, जिससे उसका चरित्र और भी जुड़ाव भरा हो जाता है।
महात्मा कालदूत: कालदूत का किरदार बेहद दमदार और प्रभावशाली है। वह प्राचीन ज्ञान और शक्ति का प्रतीक हैं। उनका अपने ही शिष्य यानी नागराज पर हमला करना कहानी में दुख और नाटकीयता दोनों जोड़ता है। जैसे ही वे होश में आते हैं, पछतावा झलकता है और वह तुरन्त नागराज की मदद के लिए तैयार हो जाते हैं — यही बात उनके चरित्र की महानता दिखाती है। कहानी में कालदूत ऐसा किरदार है जो पाठकों को नागवंश और इतिहास से जोड़े रखता है, यानी सही मायने में एक ‘लोर-कीपर’।

नागपाशा और गुरुदेव: इस बार नागपाशा अपने गुरु के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिससे उसकी खतरनाकियत कई गुना बढ़ जाती है। गुरुदेव का किरदार विज्ञान और काले तांत्रिक ज्ञान का मिश्रण है। जिस तरह उसने वेदाचार्य का क्लोन बनाया और अपने भ्रम-जाल से सबको उलझा कर रखा, वह उसकी चालाकी और वैज्ञानिक बढ़त को दिखाता है। वे साधारण विलेन नहीं हैं — शक्ति के भूखे होते हुए भी उनके पास एक बहुत सोची-समझी योजना है।
नगीना और अंकुश: नगीना के चरित्र में हमेशा से रहस्य और स्वार्थ रहा है। वह अपनी सुंदरता, चालाकी और झांसे का इस्तेमाल करने में पारंगत है। वहीं तांत्रिक अंकुश मानसिक नियंत्रण का उस्ताद है, और उसका हमला शारीरिक नहीं बल्कि दिमाग पर होता है। यही वजह है कि वह इस कहानी में एक अलग और दिलचस्प प्रकार का खलनायक बनकर उभरता है।
विसर्पी, भारती और वेदाचार्य: विसर्पी का एक्शन रूप इस कॉमिक्स की सबसे खास बातों में से एक है। वह सिर्फ नागराज की प्रेमिका नहीं, बल्कि एक मजबूत और निडर योद्धा के रूप में चमकती है और नगीना का डटकर सामना करती है। वेदाचार्य और भारती भले ही कैद में हों, लेकिन उनकी मौजूदगी कहानी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है और उनके निर्णय बड़े घटनाक्रमों को प्रभावित करते हैं।
चित्रांकन और कला पक्ष (Artwork)

अनुपम सिन्हा जी की कला राज कॉमिक्स की पहचान है और ‘त्रिफना’ इसका बेहतरीन उदाहरण है। हर पैनल इतने शानदार विवरणों से भरा है कि नजरें टिक जाती हैं — चाहे महानगर की ऊँची-ऊँची इमारतें हों या नागद्वीप के घने जंगल। एक्शन सीन्स में गति और ऊर्जा का अहसास साफ दिखाई देता है, खासकर नागराज और कालदूत की लड़ाई वाले दृश्य में, जिसे बेहद जीवंत तरीके से दिखाया गया है। पात्रों के भाव — गुस्सा, दुख, दर्द या दृढ़ता — चेहरे और बॉडी लैंग्वेज में बेहद शानदार ढंग से उभारे गए हैं।
इसके साथ सुनील पाण्डेय जी का रंग संयोजन कहानी के मूड को और ऊँचा करता है। जादुई ताकतों के लिए चमकदार रंग, और गंभीर पलों के लिए गहरे शेड्स — सब कुछ इतना संतुलित है कि दृश्य खुद-ब-खुद बोलते हैं। खासतौर पर ‘त्रिफना’ सर्प और मणियों की चमक को रंगों के जरिए जिस खूबसूरती से उजागर किया गया है, वह बिल्कुल ध्यान खींचने वाला है। पैनलों की डायनेमिक स्टाइल, और ज़रूरी पलों पर उपयोग की गई पूरे-पेज कला (Splash pages), पाठक पर गहरा और यादगार प्रभाव छोड़ती है।
संवाद और लेखन (Dialogue and Writing)

कहानी का लेखन जॉली सिन्हा और अनुपम सिन्हा ने किया है, और संवादों में नाटकियता और गंभीरता का बहुत अच्छा संतुलन मिलता है। राज कॉमिक्स की खासियत यहाँ भी दिखाई देती है — शुद्ध हिंदी और उर्दू शब्दों का ऐसा मिश्रण जो संवादों को भारी, असरदार और यादगार बना देता है। वेदाचार्य के मंत्र जैसे — “होम… प्रचंड चंड चंडिका…” — या कालदूत के शक्ति प्रदर्शन वाले संवाद सच में रोंगटे खड़े कर देते हैं। इन संवादों में भावनात्मक गहराई भी है। नागराज और कालदूत के बीच गुरु-शिष्य की इज्जत और प्यार साफ झलकता है, वहीं खलनायकों के संवादों में घमंड और क्रूरता खुलकर सामने आती है। उदाहरण — “तू जीवित नहीं बचेगा नागराज! मेरी कुंडली तेरी हड्डियों का चूर्ण बना देगी!” — ऐसे संवाद पाठक के दिमाग में सीधे उतर जाते हैं। पूरी कहानी को बहुत सधे हुए ढंग से आगे बढ़ाया गया है, और फ्लैशबैक का इस्तेमाल कहानी की रफ्तार को धीमा नहीं करता, बल्कि उत्सुकता और बढ़ाता है।
विषय और प्रतीकवाद (Themes and Symbolism)
‘त्रिफना’ सिर्फ एक एक्शन कहानी नहीं है, बल्कि यह “कंट्रोल बनाम स्वतंत्र इच्छा” जैसे गहरे विषय को सामने लाती है। अंकुश द्वारा कालदूत पर मानसिक नियंत्रण यह दिखाता है कि अगर इंसान अपनी स्वतंत्र इच्छा खो दे तो उसकी शक्ति विनाश का कारण बन सकती है। वहीं नागराज द्वारा कालदूत को मुक्त करना आत्म-बोध और आज़ादी का प्रतीक है। कहानी में विज्ञान और जादू का संगम भी चरम पर है — गुरुदेव की क्लोनिंग और प्रयोगशाला तकनीक का मुकाबला अंकुश के रुद्राक्ष तिलिस्म और वेदाचार्य के तंत्र-मंत्र से होता है, जिससे लगता है कि दोनों दुनियाएँ एक-दूसरे के साथ मौजूद हैं और एक-दूसरे को चुनौती भी देती हैं। यह कॉमिक्स लालच के परिणाम पर भी जोर देती है — नागपाशा, गुरुदेव और नगीना का मणियों के लालच में डूब जाना, न केवल अपने लोगों के खिलाफ जाकर युद्ध पैदा करता है, बल्कि विनाश की राह भी खोल देता है। नागराज का संघर्ष अपने पूर्वजों (राजा अक्षराज) की विरासत को बचाने की जिम्मेदारी को दर्शाता है, और यही जिम्मेदारी उसे सच्चा नायक बनाती है।
समीक्षात्मक विश्लेषण (Critical Analysis)

‘त्रिफना’ शानदार कॉमिक्स है, लेकिन एक समीक्षक की नजर से देखने पर कुछ बातें ध्यान खींचती हैं। जो पाठक पिछले विशेषांक नहीं पढ़ चुके हैं, उन्हें कहानी समझने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है, क्योंकि इसमें पात्रों की संख्या बहुत अधिक है और हर पात्र के पीछे एक बड़ा इतिहास है। इसलिए यह अंक खासकर उन “हार्डकोर” प्रशंसकों के लिए ज्यादा है जो पूरी नागराज शृंखला पहले से जानते हैं। कहानी एक बहुत बड़े क्लिफहैंगर पर खत्म होती है — यह अगले विशेषांक के लिए उत्सुकता तो बढ़ाता है, लेकिन जो लोग पूरी कहानी एक बार में पढ़ना पसंद करते हैं, उन्हें थोड़ा अधूरापन महसूस हो सकता है। यह राज कॉमिक्स की एक पुरानी रणनीति रही है ताकि पाठक अगला भाग जरूर खरीदें। इसके अलावा, गुरुदेव के वैज्ञानिक प्रयोग और वेदाचार्य के तंत्र-मंत्र की तकनीकी शब्दावली कभी-कभी कहानी के मुख्य प्रवाह से थोड़ा भटका देती है।
विशिष्ट दृश्यों का प्रभाव

इस कॉमिक्स में कुछ दृश्य ऐसे हैं जिन्हें भूलना मुश्किल है। पानी के अंदर वाली लड़ाई जब नागराज त्रिफना सर्प को ढूंढते हुए शार्क और दूसरी जल-जीवों से भिड़ता है — वह दृश्य कमाल का बना है। पानी की हलचल, बुलबुले और गहराई में पड़ती रोशनी सारी फीलिंग को ज़िंदा कर देती है। फिर वह पल जब नागराज कालदूत की पूंछ को दबाता है और धीरे-धीरे उसकी आंखों की लालिमा कम होने लगती है — यह सिर्फ शारीरिक बल नहीं, बल्कि भावनात्मक मुक्ति का भी पल है। और सबसे बड़ा झटका तब आता है जब पता चलता है कि जिसे हम वेदाचार्य समझ रहे थे, वह दरअसल एक क्लोन या भ्रम था — यह मोड़ पाठक को चौंका देता है और दिमाग यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि कहानी में और क्या सच है और क्या छल।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, ‘त्रिफना’ राज कॉमिक्स और नागराज की दुनिया का एक ऐसा रत्न है जिसे बार-बार पढ़ने का मन करता है। यह वही समय था जब राज कॉमिक्स अपनी रचनात्मकता के सबसे उँचे शिखर पर थी। अनुपम सिन्हा की कहानी कहने की कला और उनका शानदार चित्रांकन पाठकों को एक अलग ही ब्रह्मांड में ले जाते हैं, जहाँ हर पन्ना कुछ नया दिखाता है और हर फ्रेम में एक कहानी छिपी होती है। यह कॉमिक्स याद दिलाती है कि नागराज क्यों भारत का सबसे पसंदीदा सुपरहीरो है। उसके पास ताकत है, लेकिन घमंड नहीं। उसमें गुस्सा भी है, लेकिन समझदारी भी उतनी ही है। ‘त्रिफना’ सिर्फ खजाने की खोज वाली कहानी नहीं है — यह अच्छाई और बुराई के बीच चल रहे अनंत युद्ध का एक मजबूत अध्याय है।
सिफारिश: अगर आप भारतीय कॉमिक्स के फैन हैं, तो ‘त्रिफना’ आपके कलेक्शन में जरूर होनी चाहिए। इसे पढ़ने से पहले ‘मृत्युदंड’ और ‘नागद्वीप’ पढ़ना ज़रूरी है ताकि आप पूरी कहानी को सही तरह से महसूस कर सकें। और यकीन मानिए, ‘त्रिफना’ खत्म करते ही आप अगले भाग — ‘महायुद्ध’ — के लिए बेचैन हो उठेंगे।
रेटिंग:
कहानी: 4.5/5
चित्रांकन: 5/5
मनोरंजन: 5/5
कुल: 4.8/5
यह विशेषांक साबित करता है कि भारतीय कॉमिक्स इंडस्ट्री में विश्व स्तरीय कहानियाँ और कलाकृतियाँ बनाने की पूरी क्षमता है। ‘त्रिफना’ सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो पढ़ने के बाद भी दिमाग और दिल में बना रहता है। नागराज की यह यात्रा सिखाती है कि परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, सच्चाई और धर्म के लिए लड़ने वाला अंत में जीतता ही है।
अंत में, ‘त्रिफना’ सचमुच एक ‘मस्ट रीड’ है। यह नागराज के विकास (Character Arc) में एक बहुत बड़ा मोड़ है। जिस तरह इसमें पौराणिक तत्वों को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ा गया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। अपने नाम की तरह, यह विशेषांक सही मायनों में ‘विशेष’ है — पूरी तरह से अपना मूल्य साबित करता हुआ।
